भारत सरकार सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) और पेंशनधारकों के लिए लगातार कई लाभ और छूट प्रदान करती रही है। हाल ही में, सरकार ने सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को एक साथ कई बड़े तोहफे दिए हैं, जिससे इन वर्गों को कई प्रकार के आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्राप्त हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि सरकार ने सीनियर सिटीजन और पेंशनधारकों को कौन-कौन से नए फायदे दिए हैं।
सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन की परिभाषा
भारत सरकार के अधिनियम 1961 के तहत, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सीनियर सिटीजन माना जाता है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन दोनों वर्गों को विभिन्न प्रकार की छूट और सुविधाएँ मिलती हैं।
आयकर में छूट
सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को आयकर में छूट दी गई है, जो इस प्रकार है:
- सामान्य नागरिकों के लिए आयकर छूट सीमा ₹2,50,000 तक है।
- सीनियर सिटीजन (60 साल से अधिक) के लिए छूट सीमा ₹3 लाख तक है।
- सुपर सीनियर सिटीजन (80 साल से अधिक) के लिए छूट सीमा ₹5 लाख तक है।
अग्रिम कर में छूट
सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को अग्रिम कर (Advance Tax) में भी राहत दी गई है। यदि इनकी वार्षिक आय पर देय कर ₹10,000 से अधिक हो, तब भी उन्हें एडवांस टैक्स की आवश्यकता नहीं होती।
पेंशन पर मानक कटौती
सरकार ने पेंशनधारकों के लिए ₹50,000 की मानक कटौती की व्यवस्था की है, जिससे उनके पेंशन पर कर बोझ कम हो जाता है।
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट
सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम या मेडिकल खर्चों में अधिकतम ₹50,000 तक की छूट मिलती है, जो आम नागरिकों के लिए ₹25,000 तक सीमित है।
विकलांगता के अनुसार छूट
विकलांग सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को धारा 80DD के तहत ₹75,000 से लेकर ₹1.09 लाख तक की छूट मिलती है। यह छूट उनकी विकलांगता की गंभीरता के आधार पर निर्धारित होती है।
निर्दिष्ट रोगों के उपचार में छूट
सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को कैंसर, पार्किंसन और डिमेंशिया जैसे गंभीर रोगों के उपचार में ₹1 लाख तक की राहत मिलती है। जबकि अन्य नागरिकों के लिए यह छूट ₹40,000 तक सीमित है।
ब्याज आय पर छूट
बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा से मिलने वाली ब्याज आय पर सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन को धारा 80TTA के अंतर्गत ₹50,000 तक की छूट दी जाती है।
टैक्स रिटर्न दाखिल करने में छूट
सीनियर सिटीजन को कागज पर टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य करदाताओं के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य है।
फॉर्म 15H का उपयोग
सीनियर सिटीजन को फॉर्म 15H का उपयोग करने का अधिकार है, जिससे वे बैंक में जमा राशि से अर्जित ब्याज पर टैक्स कटौती (TDS) से बच सकते हैं। यह प्रपत्र आरडी, एफडी, लाभांश, और पेंशन जैसी आय पर लागू होता है।
रिवर्स मॉर्गेज पर छूट
रिवर्स मॉर्गेज के तहत अपनी संपत्ति का उपयोग करने पर सीनियर सिटीजन को यह आय कर के दायरे में नहीं गिनी जाती। इससे उन्हें अतिरिक्त वित्तीय लाभ मिलता है, जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
टैक्स रिटर्न से छूट (75 वर्ष से अधिक)
75 वर्ष से अधिक आयु के सीनियर सिटीजन, जिनकी आय का मुख्य स्रोत पेंशन और बैंक डिपॉजिट का ब्याज है, उन्हें टैक्स रिटर्न दाखिल करने में छूट मिलती है। इस स्थिति में बैंक टैक्स काटने के लिए जिम्मेदार होगा, और इन व्यक्तियों को अलग से टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
निष्कर्ष
सीनियर सिटीजन और पेंशनधारकों के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, जिनसे उन्हें आर्थिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में छूट, और टैक्स में राहत मिलती है। इन लाभों का उद्देश्य वृद्ध नागरिकों और पेंशनभोगियों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करना और उनके जीवन को आसान बनाना है।