रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनो को मिलनेवाली सुविधाओ को लेकर बड़ी खबर

आज लोकसभा में सुश्री सयानी घोष ने वरिष्ठ नागरिकों को मुहैया कराई जाने वाली कुछ सुविधाएं निम्नानुसार हैं- सिटीजन और दिव्यांग नागरिकों के मुद्दों को लेकर सरकार से सवाल किया उन्होंने पूछा कि क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या देश में रेलगाड़ी से यात्रा करने वाले कुल यात्रियों में वरिष्ठ नागरिकों का अनुपात क्या है:

क) वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा के दौरान वर्तमान में क्या-क्या सुविधाएं और रियायतें उपलब्ध हैं:

(ग) सरकार द्वारा यात्रा को आसान बनाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर व्हीलचेयर और रैम्प जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं; और

(घ) क्या इसके लिए कोई समर्पित निधि है अथवा इस पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने दिया उत्तर

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणियों में सभी आयु वर्ग के लगभग 488 करोड़ यात्रियों (वरिष्ठ नागरिकों सहित) ने यात्रा की।

भारतीय रेल वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

वरिष्ठ नागरिकों को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाएं

वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों को उपलब्धता के आधार पर बिना कोई विकल्प दिए स्वत: ही निचली बर्थ का आवंटन किया जाता है।

वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर क्लास में प्रति सवारी डिब्बे के अनुसार छह से सात निचली बर्थ सीट अलॉट की जाती है।

3rd AC के प्रत्येक सवारी डिब्बे में चार से पांच निचली बर्थ और 2nd AC श्रेणियों (गाड़ी में उस श्रेणी के सवारी डिब्बों की संख्या के आधार पर) में प्रति सवारी डिब्बे में तीन से चार निचली बर्थ का संयुक्त कोटा निर्धारित किया गया है।

क्षेत्रीय रेलों के उपनगरीय खंडों पर लोकल गाडी सेवाओं में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनारक्षित सीटें निर्धारित किया गया है।

वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों अथवा गर्भवती महिलाओं (जिन्हें मध्य ऊपरी बर्थ आबंटित की गई है) को प्राथमिकता के आधार पर गाड़ियों में केवल निचली सीट आबंटित की जाती है।

सिनियर सिटीजन और दिव्यांगों के लिए स्टेशनों पर व्हील चेयरों की व्यवस्था किया जाता है।

वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों (दिव्यांगजनों), बीमार यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ स्टेशनों पर बैटरी चालित वाहनों (बीओवी) की व्यवस्था किया गया है।

विभिन्न स्टेशनों पर रैंप, लिफ्टों, एस्केलेटरों, संकेतकों, ‘क्या मैं आपकी सहायता कर सकता हूं’ बूथ आदि की व्यवस्था किया जाता है।

उपर्युक्त के अलावा, भारतीय रेल द्वारा रैंपों, सुगम्य पार्किंग, लिफ्टों, एस्केलेटरों और अन्य सुविधाओं के साथ सीनियर सिटीजन के लिए सुविधाओं में सुधार लाने की निरंतर परिकल्पना की जाती है।

भारतीय रेल द्वारा समाज के सभी वर्गों को किफायती सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया जाता है और वर्ष 2022-23 में यात्री टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई। यह रेलों पर यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दी जाने वाली औसतन 46% की रियायत के समान है।
दूसरे शब्दों में आसानी से समझने के लिए, यदि सेवा प्रदान करने की लागत 100 रुपए होती है, तो टिकट की कीमत केवल 54 रुपए है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों को दी जाती है। इसके अलावा, इस सब्सिडी राशि से अधिक रियायतें कई कोटियों जैसे दिव्यांग व्यक्तियों (दिव्यांगजनों) की 4 कोटियों, रोगियों की 11 कोटियों और छात्रों की 8 कोटियों को दी जा रही हैं।

अंत मे रेलवे मंत्री ने कहा कि सीनियर सिटीज़न के लिए रेलवे में कन्सेसन की सुविधा फिर से बहाल नही की जाएगी।

Leave a Comment