रेल मंत्रालय ने रेलवे मेडिकल लाभार्थियों के लिए रेलवे द्वारा पैनल में शामिल अस्पताल में वार्ड की पात्रता (Ward Entitlement) को संशोधित किया है। यह बदलाव कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है।
नई पात्रता के प्रमुख बिंदु
रेलवे मेडिकल योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों को अब उनकी बेसिक सैलरी के आधार पर अस्पताल में वार्ड एलाट किये जायेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक लाभार्थी को उनकी आवश्यकता और स्थिति के अनुसार उचित स्वास्थ्य सुविधा मिले।
- सामान्य वार्ड:
इस श्रेणी में 36500 या इसके नीचे बेसिक वाले कर्मचारी और उनके आश्रित शामिल होंगे। इनको या इनके आश्रित को अस्पताल में सामान्य एलॉट किया जाएगा। इस वार्ड में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- सेमी-प्राइवेट वार्ड:
36501 से 50500 तक जिनकी बेसिक है तो उनको या उनके आश्रित को अस्पताल में सेमी प्राइवेट वार्ड दिया जाएगा। इन वार्डों में बेहतर सुविधाएं जैसे कि अलग बिस्तर और प्राइवेसी शामिल होगी।
- प्राइवेट वार्ड:
50500 से ऊपर अगर बेसिक है तो ऐसे कर्मचारियो और उनके आश्रितों को अस्पताल में प्राइवेट वार्ड दिया जाएगा। इन वार्डों में एयर-कंडीशनिंग, व्यक्तिगत बाथरूम, और अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना सभी रेलवे कर्मचारियों, पेंशनधारकों, और उनके आश्रितों के लिए लागू होगी। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पैनल में शामिल अस्पतालों में इन वार्डों की उपलब्धता की नियमित निगरानी की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य
रेलवे कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए यह कदम उठाया गया है। इस बदलाव से न केवल कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से भी राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
रेलवे द्वारा अस्पताल वार्ड की नई पात्रता को लागू करना कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और उनका इलाज सुविधाजनक और समय पर हो।