केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह स्पष्ट किया है कि वर्तमान में प्राप्त हो रही हायर पेंशन को प्रो राटा नियम के आधार पर घटाया नहीं जा सकता।
न्यायमूर्ति मुरली पुरूषोत्तमन की अध्यक्षता में यह अंतरिम आदेश जारी किया गया। यह फैसला त्रिवेंद्रम निवासी एन बालकृष्ण पिल्लई और 40 अन्य पेंशनभोगियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आया। इन पेंशनभोगियों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा 14 फरवरी 2024 को जारी प्रो राटा आदेश और 18 जनवरी 2025 को जारी स्पष्टीकरण आदेश को अदालत में चुनौती दी थी।
इस फैसले के बाद, EPFO अगले दो महीनों तक इन याचिकाकर्ताओं की पेंशन में कोई कटौती नहीं कर सकता। अब इस मामले की अगली सुनवाई मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह में होगी।
क्या है प्रो राटा पेंशन गणना प्रणाली?
प्रो राटा विधि के तहत, EPFO पेंशनभोगी की सेवा अवधि को दो भागों में विभाजित करता है—
- 1 सितंबर 2014 से पहले की सेवा
- 1 सितंबर 2014 के बाद की सेवा
इसके बाद, प्रत्येक अवधि के लिए पेंशन अलग-अलग दरों पर गणना की जाती है। इस प्रणाली से पेंशन की कुल राशि 25% से 35% तक घट जाती है, क्योंकि पूरी सेवा अवधि को एक साथ नहीं गिना जाता।
केरल हाईकोर्ट का यह आदेश EPFO द्वारा हाल ही में जारी स्पष्टीकरण आदेश के खिलाफ पहली कानूनी चुनौती के रूप में आया है।
क्यों कोर्ट पहुंचे पेंशनभोगी?
- याचिकाकर्ता त्रिवेंद्रम की त्रावणकोर टाइटेनियम कंपनी के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं।
- वे अपनी वेतनानुपातिक (Higher Pension) पेंशन प्राप्त कर रहे थे।
- लेकिन 18 जनवरी 2025 को EPFO द्वारा जारी सर्क्युलर मे प्रो राटा पेंशन गणना पद्धति लागू करने के कारण उनकी पेंशन राशि घटाने की सूचना मिली।
- इसके खिलाफ वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एन. मोहनन के नेतृत्व में उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें
1. प्रो राटा नियम उच्च पेंशन योगदान करने वालों पर लागू नहीं हो सकता
🔹 जिन कर्मचारियों ने वेतन के अनुपात में अधिक पेंशन योगदान दिया है, उनके लिए प्रो राटा विधि लागू करना अनुचित है।
🔹 यह केवल न्यूनतम वेतन सीमा वाले मामलों (₹6,500 या ₹15,000) पर ही लागू होता है।
2. प्रो राटा विधि की कोई कानूनी वैधता नहीं
🔹 EPS-95 योजना की धारा 11(4) में प्रो राटा नियम को उच्च पेंशन पर लागू करने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
🔹 सेवा अवधि को 2014 से पहले और बाद में विभाजित करने का कोई वैधानिक औचित्य नहीं है।
3. पेंशन गणना का सही आधार अंतिम वेतन औसत होना चाहिए
🔹 पेंशन की गणना पूरी सेवा अवधि के अंतिम वेतन के औसत के आधार पर होनी चाहिए।
🔹 इसे बीच में विभाजित करने से कर्मचारियों को भारी नुकसान होगा।
क्या है इस फैसले का महत्व?
✅ EPFO अब अगले दो महीनों तक इन पेंशनभोगियों की पेंशन नहीं घटा सकता।
✅ यह आदेश दूसरे उन सभी पेंशनभोगियों के लिए राहतभरा हो सकता है, जिनकी पेंशन प्रो राटा नियम के कारण कम हो रही थी।
✅ यदि अंतिम फैसले में भी यही निर्णय बरकरार रहता है, तो सभी उच्च पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा।
अगले कदम क्या होंगे?
▶️ मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह में इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी।
▶️ यदि अदालत अंतिम निर्णय में भी इस फैसले को कायम रखती है, तो EPFO को अपनी प्रो राटा पेंशन गणना प्रणाली में बदलाव करने पड़ सकते हैं।
▶️ यह निर्णय देशभर के लाखों EPS-95 पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचा सकता है।
निष्कर्ष
केरल हाईकोर्ट का यह फैसला EPS-95 पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। प्रो राटा नियम के कारण लाखों पेंशनभोगियों की पेंशन में भारी कटौती की जा रही थी, लेकिन इस अंतरिम आदेश ने इसे अस्थायी रूप से रोक दिया है।
अब देखना होगा कि अगली सुनवाई में अदालत क्या फैसला सुनाती है और क्या यह फैसला अन्य EPS-95 पेंशनभोगियों के लिए भी राहत लेकर आएगा?
आपको क्या लगता है, क्या सरकार को EPS-95 पेंशनभोगियों के हित में प्रो राटा नियम को पूरी तरह से हटाना चाहिए? अपनी राय कमेंट में दें!
For past more than six months many confusing news regarding EPS – 1995 are being issued by channels and Govt agencies. Why and what for too much of confusion is being created. Who is gainer rather painsoner are at loss as to what is correct position regarding pension payment.
A sensible step is that Govt issues correct position regarding payment of pension, rather than Causing utter confusion. It is expected that Govt should issue once for ever a correct position.
If it is to be announced on 01/02 February 2025 with budget proposal, let it be so once for all and correct and authentic news.
Yes. Pro-rata rule must be stopped.
Avashy hatana chahiye, kyonki tab Rs.5000,6500,15000 ka salary based deduction tha aur ab vah pura amount le rahe hain. To pro-rata vidhi tarksangat nahin rah jata hai.
एकदम राटा नियम रद्द किया जाए।
Reduce the pro rata in eps 95 pention. I am agree your disition.