केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रतिवर्ष महंगाई भत्ते (DA) का लाभ देती आ रही है। लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान 18 महीने से रुका हुआ महंगाई भत्ता अब तक जारी नहीं किया गया था। लेकिन अब सरकार के सूत्रों से खबर आ रही है कि बहुत जल्द 18 महीने से रुका हुआ महंगाई भत्ता जारी किया जा सकता है।
महंगाई भत्ते के लिए सरकार से की गई मांग:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के प्रारंभ में केंद्रीय कर्मचारियों ने नेशनल काउंसिल से कई मांगें की थीं, जिनमें से एक प्रमुख मांग 18 महीने से रुके हुए महंगाई भत्ते को जारी करने की थी। केंद्रीय कर्मचारी सरकार से इस बकाया भत्ते को जारी करने की मांग कर रहे थे और उनके फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था।
महंगाई भत्ते पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी:
जैसा कि आप जानते हैं, 2020 से लेकर अब तक 18 महीने का महंगाई भत्ता जारी नहीं किया गया है। इस मुद्दे को लेकर संसद में भी सवाल उठाए गए थे, और कई सांसदों ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री से इस पर प्रतिक्रिया मांगी थी। पंकज चौधरी, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि कोविड महामारी के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि सरकारी खजाने पर दबाव न पड़े, इसलिए 1 जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते को जारी नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं के भारी खर्च की वजह से महंगाई भत्ता देना संभव नहीं हो सका था।
DA और DR का बेसिक सैलरी में विलय:
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का प्रतिशत 50% से ऊपर बढ़ जाता है, तो इसे बेसिक सैलरी में शामिल किया जा सकता है। इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों की सैलरी और पेंशन में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में इस प्रकार के किसी कदम की सिफारिश नहीं की गई थी, फिर भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी है।
इस बकाया महंगाई भत्ते के जल्द भुगतान से कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।