खुशखबरी, केन्द्रिय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, (Notional Increment) का लाभ

Notional Increment: भारत सरकार के सहायक नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक श्री सुमित कुमार ने सभी लेखा विभाग के विभागाध्यक्ष (कार्मिक) को एक पत्र लिखा है जिसमे ऐसे कर्मचारी जो 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हुए है उनको 1 इंक्रीमेंट देने का निर्देश दिया है। तो चलिए जान लेते है कि इंक्रीमेंट के संदर्भ में पत्र में क्या-क्या लिखा गया है।

Notional Increment पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

जैसे कि आपको पता होगा सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 06.09.2024 को एक आदेश जारी किया जिसमें ऐसे कर्मियों को 1 इंक्रीमेंट देने का आदेश दिया जो 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हुए थे। इसी आदेश को आधार बनाकर DOPT 14.10.2024 को 1 इंक्रीमेंट देने का आदेश जारी करती है।

DOPT के आदेश के मायने

DOPT का आदेश, केंद्र सरकार के अंतर्गत सभी कर्मियों के लिये लागू होता है। सशस्त्र बलों में भी DOPT के आदेश का पालन किया जाता है।

नए आदेश में क्या है

विषय: 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 1 जुलाई/1 जनवरी को काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ पेंशन गणना के उद्देश्य से प्रदान करना।

संदर्भ: DOPT का कार्यालय ज्ञापन (OM) दिनांक 14.10.2024, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 06.09.2024 के संदर्भ में जारी किया गया।

काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 1 जुलाई/1 जनवरी की वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा, जो 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं। यह लाभ केवल पेंशन की गणना के उद्देश्य से मान्य होगा।

आवश्यक योग्यता:

कर्मचारी ने सेवा की न्यूनतम अर्हता (qualifying service) पूरी की हो।
सेवानिवृत्ति के समय उनका कार्य और आचरण संतोषजनक होना चाहिए।

सीमित प्रयोजन के लिए लाभ:

यह वेतन वृद्धि केवल पेंशन गणना के लिए मान्य होगी।
यह अन्य पेंशन लाभों (जैसे ग्रेच्युटी, छुट्टी नकदीकरण आदि) के लिए लागू नहीं होगी।
कार्रवाई के निर्देश

DOPT ने सभी विभागों से अनुरोध किया है कि इस संदर्भ में प्राप्त होने वाले मामलों, शिकायतों और अभ्यावेदन को इसी आदेश के अनुसार निपटाया जाए।

इस आदेश का महत्व

इस आदेश से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो अपनी सेवा की पूरी अवधि के लिए वेतन वृद्धि का लाभ नहीं उठा सके थे, लेकिन पेंशन के लिए उनके योगदान को अब न्यायसंगत रूप से मान्यता दी जाएगी।

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