केंद्र सरकार ने शनिवार को ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) नामक एक नई पेंशन योजना की घोषणा की है, जो वर्तमान में चल रही पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) से बिल्कुल अलग है। इस नई योजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। UPS के तहत, सरकारी कर्मचारी जो 25 साल की सेवा पूरी करेंगे, उन्हें रिटायरमेंट के समय उनके अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। वहीं, जो कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करेंगे, उन्हें न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
UPS के प्रमुख बिंदु
- 25 साल की सेवा पूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
- सरकार ने UPS के तहत अपना योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया है, जिससे कर्मचारियों को अधिक फायदा होगा।
कर्मचारी संगठनों की नाराज़गी
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने UPS को लेकर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि यह नई योजना कर्मचारियों के हितों के साथ समझौता करती है और कर्मचारियों की मुख्य मांगों को नजरअंदाज करती है।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि UPS में सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 18.5% कर दिया है, जो एक अच्छी बात है। लेकिन कर्मचारियों की मांग यह थी कि उन्हें रिटायरमेंट के समय 50% बेसिक सैलरी और डीए के बराबर पेंशन मिले, न कि सरकार का योगदान बढ़ाया जाए।
GPF के समान रिटर्न की मांग
डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने यह भी कहा कि कर्मचारी चाहते हैं कि उनके द्वारा जमा की गई राशि को रिटायरमेंट के समय जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की तरह वापस कर दिया जाए। हालांकि, नई UPS के तहत सरकार इस मांग को पूरा नहीं कर रही है। इसके बजाय, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय केवल अंतिम छह महीने की सैलरी के बराबर राशि ही वापस दी जाएगी, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बना हुआ है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए आंदोलन
केंद्रीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उनका आंदोलन पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए था और रहेगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने स्पष्ट किया कि UPS किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है, और वे केवल पुरानी पेंशन योजना की बहाली चाहते हैं। जल्द ही इस नई योजना पर संगठनों की बैठक होगी, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।
OPS की बहाली की मांग
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने भी UPS को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार एनपीएस को यूपीएस से बदल सकती है, तो वह पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली क्यों नहीं कर सकती? उनका कहना है कि UPS केवल एक नाम बदलने की कोशिश है, जबकि असली सुरक्षा और लाभ पुरानी पेंशन योजना में ही है।
विजय कुमार बन्धु का मानना है कि OPS ही वह सामाजिक सुरक्षा कवच है जिसकी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जरूरत है। इसलिए, देश के करोड़ों कर्मचारी अब भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के लागू होने के बाद भी केंद्रीय कर्मचारी संगठनों में नाराजगी बरकरार है। कर्मचारी इस नई योजना को अपने हितों के खिलाफ मानते हैं और OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में, UPS के विरोध में कर्मचारियों के आंदोलन की संभावना भी बढ़ती दिख रही है, जिससे सरकार पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का दबाव और अधिक हो सकता है।