भारत सरकार के संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने संसद सत्र के दौरान अवकाश को लेकर महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होंगे, ताकि संसदीय कार्यों में कोई व्यवधान न हो।
सरकार ने जारी की लोकसभा और राज्यसभा सत्रों की अवधि
डाक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 18वीं लोकसभा के 40वें सत्र और 267वें राज्यसभा सत्र की बैठकें निम्नलिखित समयसीमा के अनुसार आयोजित होंगी—
- पहला चरण:
- प्रारंभ: 31 जनवरी 2025 (शुक्रवार)
- संभावित समापन: 13 फरवरी 2025 (गुरुवार)
- दूसरा चरण:
- प्रारंभ: 10 मार्च 2025 (सोमवार)
- संभावित समापन: 4 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)
अवकाश योजना से संबंधित निर्देश
संसद सत्र की सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए डाक विभाग ने सभी प्रधान परिपत्र प्रमुखों (Heads of Circles) को निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं—
- अधिकारियों और कर्मचारियों को संभावित रूप से संसद सत्र के दौरान अवकाश से बचने की सलाह दी गई है।
- यदि आवश्यक हो, तो कर्मचारी सत्र के अवकाश (recess) अवधि में या सत्र समाप्त होने के बाद ही अवकाश की योजना बनाएं।
- यह निर्देश सभी संबंधित डाक अधिकारियों और विभागों पर लागू होगा, जिससे सरकारी कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए।
कौन-कौन से अधिकारी इस आदेश से प्रभावित होंगे?
इस अधिसूचना को निम्नलिखित अधिकारियों और विभागों को सूचित किया गया है—
- सचिव, डाक विभाग के निजी सचिव (PSO) और महानिदेशक डाक सेवाएं (DGPS) के निजी सचिव (PPS)
- सभी सदस्य, डाक सेवाएँ बोर्ड
- सभी मुख्य पोस्टमास्टर जनरल (CPMG), वरिष्ठ मुख्य पोस्टमास्टर जनरल (Sr. CPMG) और मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO)
- राजा राम मोहन राय राष्ट्रीय डाक अकादमी (RAKNPA), गाजियाबाद के निदेशक
- अतिरिक्त महानिदेशक, सेना डाक सेवा (APS)
- सभी उप महानिदेशक (DDG) – ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से
- सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी (CEPT), मैसूर के महाप्रबंधक (जो इसे इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे)
- सभी क्षेत्रीय डाक कार्यालयों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया है कि वे इस आदेश को ई-ऑफिस पोर्टल पर अपलोड करें।
निष्कर्ष
संसद सत्र के दौरान सरकारी कार्यों को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए डाक विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किए गए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अवकाश की योजना बनाने में इस निर्देश का पालन करने की आवश्यकता होगी। इससे सरकारी कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और संसद सत्र के दौरान आवश्यक प्रशासनिक गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल सकेंगी।