सरकार द्वारा प्रस्तावित एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) को लेकर सरकारी कर्मचारी और शिक्षक असंतुष्ट हैं। उनका मानना है कि यह योजना पुरानी पेंशन योजना (OPS) के समान नहीं है और उनकी वास्तविक चिंताओं का समाधान नहीं करती।
UPS बनाम OPS: प्रमुख अंतर
✅ पुरानी पेंशन योजना (OPS)
- कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद अंतिम मूल वेतन का 50% + महंगाई भत्ता (DA) के रूप में पेंशन मिलती थी।
- पेंशन सरकारी गारंटी पर आधारित थी और इसमें किसी तरह का बाजार जोखिम नहीं था।
- सेवा अवधि 20 वर्ष या अधिक होने पर पेंशन की पात्रता थी।
- प्रत्येक वेतन आयोग के बाद पेंशन में वृद्धि होती थी।
- परिवार पेंशन के तहत विधवा/विधुर के अलावा अविवाहित, विकलांग, या बेरोजगार बच्चों और माता-पिता को भी पेंशन का लाभ मिलता था।
- कर्मचारी अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा अग्रिम (Commutation) के रूप में ले सकता था, जिसे 15 साल बाद बहाल कर दिया जाता था।
❌ एकीकृत पेंशन योजना (UPS)
- कर्मचारी को अपनी सैलरी का 10% योगदान देना होगा, और सरकार समान योगदान देगी।
- पेंशन की राशि कर्मचारी की निजी जमा राशि और पूल कोष पर निर्भर करेगी, जिससे बाजार जोखिम बढ़ जाता है।
- सेवा अवधि 25 वर्ष या अधिक होने पर पूरी पेंशन मिलेगी। यदि सेवा 20 वर्ष की हुई, तो सिर्फ 80% पेंशन ही दी जाएगी।
- कोई स्वचालित पेंशन वृद्धि (Pay Commission लागू नहीं होगा)
- परिवार पेंशन केवल जीवनसाथी तक सीमित रहेगी, अन्य परिजनों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- पेंशन का अग्रिम भुगतान (Commutation) लेने का विकल्प नहीं होगा।
कर्मचारियों के असंतोष के कारण
- बाजार जोखिम: UPS के तहत पेंशन बाजार में निवेश पर निर्भर होगी, जिससे कर्मचारियों को कोई निश्चित लाभ नहीं मिलेगा।
- अनिश्चित पेंशन राशि: यदि कर्मचारी की जमा पूंजी (Individual Corpus) सरकारी मानक पूंजी (Benchmark Corpus) से कम हुई, तो उसकी पेंशन भी घट जाएगी।
- न्यूनतम सेवा अवधि बढ़ी: OPS में 20 साल की सेवा पर पूरी पेंशन मिलती थी, जबकि UPS में 25 साल की अनिवार्यता कर दी गई है।
- पेंशन पुनरीक्षण नहीं: OPS के तहत हर वेतन आयोग के बाद पेंशन बढ़ती थी, लेकिन UPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
- परिवार पेंशन में कटौती: OPS में अविवाहित बेटियां, विकलांग बच्चे, और माता-पिता भी परिवार पेंशन के पात्र थे, लेकिन UPS में केवल जीवनसाथी को ही लाभ मिलेगा।
- लंबी अवधि के लिए वित्तीय अनिश्चितता: OPS के तहत कर्मचारी को निश्चित और आजीवन पेंशन मिलती थी, जबकि UPS में यह उसके फंड और सरकारी योगदान पर निर्भर करेगा।
क्या OPS से सरकार को आर्थिक नुकसान होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि OPS सरकार के लिए कोई वित्तीय बोझ नहीं है, क्योंकि पेंशन पाने वाले कर्मचारी अपनी पेंशन राशि का अधिकांश भाग खर्च करते हैं, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है। इससे आर्थिक वृद्धि, रोजगार और कर राजस्व में बढ़ोतरी होती है।
निष्कर्ष
UPS को OPS का बेहतर विकल्प बताने के बावजूद, कर्मचारी और शिक्षक इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनका तर्क है कि UPS के तहत उनकी पेंशन अनिश्चित, कम और बाजार जोखिम से प्रभावित होगी। इसलिए वे सरकार से OPS बहाल करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिल सके।
MLA ko bhi to wo samman do nps ya ops ka