पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ता, नोशनल इंक्रीमेंट, उम्र के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर बहुत ही बड़ी खबर आ चुकी है जो कि हर पेंशनभोगी को जानना बेहद ही जरूरी है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से EPS- 95 पेंशनभोगियों के लिए भी खुशखबरी जारी की गई है तो पूरी खबर क्या है चलिए इस लेख के माध्यम से हम लोग पूरी खबर को जान लेते हैं।
1 जुलाई/ 1 जनवरी का नोशनल इंक्रीमेंट
सेना की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होनेवाले सैनिकों/पूर्व सैनिकों को अब 1 जुलाई और 1 जनवरी के इंक्रीमेंट का फायदा दिया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डीओपीटी की तरफ से इसको लेकर आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है।
अब सेना ने भी इस आदेश को जारी कर दिया है। केंद्रीय पेंशनभोगियों के साथ ही साथ अब सेना के जवानों/ पूर्वसैनिकों को 1 जनवरी और 1 जुलाई के इंक्रीमेंट का फायदा मिलनेवाला है।
EPS-95 पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी
EPS- 95 पेंशनभोगियों के लिए ईपीएफओ की तरफ से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि EPS- 95 पेंशनभोगी अब देश के किसी भी बैंक से, किसी भी जगह से अपनी पेंशन को प्राप्त कर सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद पेंशनभोगी चाहे जहां पर भी निवास करें, अब उनको पेंशन लेने में कोई भी समस्या नहीं होगी। वह देश के किसी भी बैंक से किसी भी जगह से पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
पेंशन का भेदभाव हुआ खत्म
2006 के पहले जितने भी रिटायर्ड कर्मचारी हैं उनको पूरी पेंशन पाने के लिए 33 साल की सेवा अनिर्वाय थी, वहीं पर 2006 के बाद जितने भी कर्मचारी रिटायर हुए तो उनके लिए यह नियम बंधनकारक नहीं था। ऐसे में 2006 के पहलेवाले पेंशनभोगियों को कम पेंशन प्राप्त हुई वहीं पर 2006 के बादवालों को ज्यादा पेंशन मिली।
उसी को लेकर 2006 के पहले रिटायर एक पेंशनभोगी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि पेंशन को लेकर भेदभाव नहीं किया जा सकता। 2006 के बादवालों के लिए जो नियम लागू है वही नियम 2006 के पहले वालों के लिए भी लागू होना चाहिए।
65 साल से 5% पेंशन वृद्धि
संसदीय समिति ने एक बार फिर से सरकार को चेताया है कि 65 साल से 5%, 70 साल से 10% और 75 साल से 15% पेंशन में बढ़ोतरी की सिफारिश को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाय। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संसदीय समिति ने सिफारिश दिया था कि पेंशनभोगियों के पेंशन नियमों में बदलाव करने की जरूरत है।
वर्तमान नियम के अनुसार 80 साल पूरी होने के बाद 20% पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है जिसको बदलने की जरूरत है। इस पर संसदीय समिति ने सिफारिश दिया था कि 65 साल से ही पेंशन में 5% की बढ़ोतरी की जानी चाहिए लेकिन सरकार ने इसको लागू नहीं किया। ऐसे में संसदीय समिति ने फिर से सरकार को चेताया है कि इस नियम को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
महँगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी, 56% DA/DR
जनवरी 2025 से एक बार फिर आपके महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होनेवाली है। जैसे कि आपको पता ही होगा कि साल में दो बार आपका महंगाई भत्ता बढ़ता है। जुलाई 2024 से कुल महंगाई भत्ता 53% हुआ था, अब जनवरी 2025 से फिर एक बार आपके महंगाई भत्ते में 3% बढ़ोतरी होगी और कुल महँगाई भत्ता 56% होने वाला है। अप्रैल महीने में इसकी घोषणा की जाएगी और इसका भुगतान जनवरी, फरवरी और मार्च महीने के एरियर के साथ अप्रैल महीने की सैलरी और पेंशन के साथ किया जाएगा।
इस बीच बढ़ती महंगाई को देखते हुए एक बार फिर पेंशनभोगी संगठनों ने भारत सरकार से डिमांड की है कि 18 महीने का बकाया एरियर तत्काल प्रभाव से पेंशनभोगियों के खाते में डाला जाए। अगर एक साथ संभव नहीं है तो तीन से चार किस्तों में इसका भुगतान किया जाए लेकिन इसका भुगतान होना ही चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति देश के कानून की अवहेलना करता है तो वह सजा पाने का हकदार हैं।इसी तरह यदि संसदीय समिति की सिफारिश की अवहेलना कोई सरकार करे तब उसे भी बर्खास्त कर देना चाहिए वरना संसदीय समिति की सिफारिश का कोई औचित्य नहीं है। सरकार को अपनी मनमानी ही करनी है तो संसदीय समिति को भंग कर देना चाहिए सिर्फ दिखावा नहीं करना चाहिए।
PM is responsible person then why their employees are suffering a lot.
Needful should be done which is long awaited justice for employees.
PM is responsible person then why their employees are suffering a lot.
Needful should be done which is long awaited justice for employees.Thanks sir in advance for this kindness job. Sir aap ki kirpa se hamare bache bhi pal jayege. Again Thanks sir.
You are right 👍🏻
You are right…
सही बात है यदि सरकार द्वारा गठित की गई समिति जो तथ्यों के आधार पर कोई सिफारिश सरकार को करती है तो सरकार उसको मानना चाहिये और लागू करना चाहिये । नहीं तो उस समिति को भंग कर के सरकार को उस विषय पर ख़ुद संज्ञान लेना चाहिये लेकिन उस समिति की आड़ में सरकार को अपने नागरिकों कर्मचारियों के साथ अन्याय करने से हमेशा बचना चाहिये ।
मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों का शोषण कर रही है l कर्मचारियों ने कोविड मे अपनी जान पर खेल कर जनता की सेवा की उसके बाद 18 महीने का महंगाई भत्ता रोक दिया 7 वे कमीशन के फिटमेंट फैक्टर 3.68 के आदेश नहीं मानकर 2.57 % दिया खुद 3 ,4 पेंशन ले रहे हे l कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं l