EPS पेंशनभोगियों को प्रो-राटा नियम के तहत पेंशन मंजूर, हायर पेंशन आवेदन 7 फरवरी तक होंगे क्लियर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्रो-राटा नियम के तहत EPS पेंशन की गणना की मंजूरी दी है, जो वेतन के आधार पर अनुपातिक पेंशन निर्धारित करेगा। इस संबंध में एक सर्कुलर, जिसे EPFO के अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (पेंशन) चंद्रमौली चक्रवर्ती द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है और सभी क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को भेजा गया है।

क्या है प्रो-राटा नियम?

➡️प्रो-राटा नियम के तहत कर्मचारी की सेवा अवधि को दो हिस्सों में विभाजित कर पेंशन की गणना की जाएगी।
➡️यह नियम 1 सितंबर 2014 से लागू है और उन कर्मचारियों पर लागू होता है जिन्होंने अपनी पीएफ योगदान राशि नियमित रूप से जमा की है।
➡️नवंबर 1995 से अगस्त 2014 तक की अवधि के लिए वेतन सीमा ₹6,500 होगी, और सितंबर 2014 के बाद ₹15,000 की सीमा लागू होगी।

हायर पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों पर यह सीमा लागू नहीं होगी, लेकिन उनकी पेंशन कम हो सकती है क्योंकि इसे दो भागों में विभाजित किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और श्रम मंत्रालय की स्वीकृति

श्रम मंत्रालय ने उन चिंताओं पर ध्यान दिया, जो प्रो-राटा नियम को लेकर विभिन्न पक्षों द्वारा उठाई गई थीं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में दिए गए अपने फैसले के तहत ट्रस्ट द्वारा संशोधित उपनियमों को मान्यता देने से इनकार किया है।

हायर पेंशन के लिए अन्य निर्देश

➡️एग्जेम्प्टेड संगठनों (जिनके पास अपनी पीएफ ट्रस्ट व्यवस्था है) के कर्मचारियों की हायर पेंशन पात्रता संबंधित ट्रस्ट के नियमों पर आधारित होगी।

➡️अतिरिक्त योगदान प्राप्त होने के बाद ही कर्मचारी हायर पेंशन के पात्र बनेंगे।

➡️रिवीजन के कारण लंबित बकाया राशि उसी महीने के वेतन के साथ जोड़ी जाएगी।

➡️धारा 14-बी के तहत कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, लेकिन बकाया राशि पर ब्याज लिया जाएगा।

आवेदन 7 फरवरी तक होंगे प्रोसेस

➡️केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPF) ने निर्देश दिया है कि हायर पेंशन के सभी प्राप्त आवेदनों को 7 फरवरी 2024 तक निपटाया जाए।

➡️24 जनवरी तक सभी सत्यापित आवेदनों के लिए पेंशन भुगतान आदेश (PPO) जारी किए जाने चाहिए।

➡️5,000 से कम आवेदनों वाले कार्यालयों को भी उसी समय सीमा का पालन करना होगा।

➡️समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

देरी का कारण और समाधान

➡️CPF आयुक्त ने कार्यालयों में आवेदनों की प्राथमिकता न देने और देरी पर नाराजगी जताई।
➡️उच्च पेंशन की गणना के लिए समय पर दिशानिर्देश और अतिरिक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराए गए थे।
➡️केंद्रीय कार्यालय पर बार-बार निर्भरता को रोकने की सलाह दी गई है।
➡️हालांकि, कुछ कार्यालयों ने समय पर काम पूरा किया है।

निष्कर्ष

प्रो-राटा नियम और उच्च पेंशन की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए EPFO सख्त कदम उठा रहा है। श्रमिकों को उनकी पेंशन समय पर देने और लंबित मामलों को प्राथमिकता से हल करने पर जोर दिया गया है।

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