EPS-95 पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, 12% ब्याज के साथ संशोधित पेंशन का आदेश, EPFO को लापरवाही पड़ी भारी

EPS-95 पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी आ चुकी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पेंशन संशोधन में देरी के लिए दोषी ठहराया है। आयोग ने EPFO को तीन पेंशनभोगियों को 50,000 रुपये मुआवजा और 45 दिनों के भीतर संशोधित पेंशन जारी करने का आदेश दिया है। यह फैसला पेंशनभोगियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

मामले का विवरण

शिकायतकर्ता कृष्ण मुरारी और दो अन्य कर्मचारी, जो पंजाब स्टेट फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर मिल्स लिमिटेड से जुड़े थे, ने अपनी शिकायत में बताया कि
वे Employees Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act, 1952 के तहत कवर हैं।

➡️ EPS 1995 की पेंशन योजना के तहत नियोक्ता के योगदान का 8.33% पेंशन फंड में जमा किया गया था।

➡️ 22 अगस्त 2014 की अधिसूचना के तहत पेंशन योग्य वेतन की सीमा 15,000 रुपये कर दी गई थी।

➡️ शिकायतकर्ताओं ने संशोधित पेंशन की मांग की, लेकिन EPFO ने कट-ऑफ तारीख का हवाला देकर इसे खारिज कर दिया।

EPFO की दलील

EPFO ने अपनी दलील में कहा कि नियोक्ता (Employer) द्वारा वेतन विवरण में कुछ आपत्तियां थीं, जिसके कारण पेंशन संशोधन में देरी हुई। जब तक आपत्तियों का समाधान नहीं होगा, संशोधित पेंशन जारी करना संभव नहीं।

राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की टिप्पणी और निर्णय

आयोग ने EPFO के बचाव को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह लापरवाही और सेवा में कमी का स्पष्ट मामला है। EPFO का यह रवैया पेंशनभोगियों के साथ अनुचित व्यवहार का उदाहरण है।

आदेश

आयोग ने पेंशन संशोधन का आदेश जारी किया। EPFO को 45 दिनों के भीतर शिकायतकर्ताओं की पेंशन संशोधित कर जारी करनी होगी। संशोधित राशि पर ब्याज दिया जाएगा।

ब्याज का भुगतान:

पेंशन संशोधन में देरी के लिए शिकायतकर्ताओं को 12% वार्षिक ब्याज का भुगतान किया जाएगा।

मुआवजा और खर्च:

मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए प्रत्येक शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये मुआवजा दिया जाएगा। मुकदमे के खर्च के लिए 35,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

पेंशनभोगियों के अधिकारों की जीत

यह फैसला उन पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपनी मेहनत की कमाई और सेवाओं के बदले न्याय की उम्मीद करते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि ईपीएफओ जैसे संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे समयबद्ध तरीके से पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान करें।

महत्वपूर्ण संदेश

पेंशनभोगियों के अधिकार: पेंशन कोई अनुग्रह नहीं, बल्कि उनकी सेवाओं का भुगतान है।

EPFO की जिम्मेदारी: किसी भी तरह की देरी या लापरवाही भविष्य में सख्त कार्रवाई को आमंत्रित करेगी।

न्याय की आवश्यकता: पेंशनभोगियों को गरिमा और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है।

इस फैसले ने यह साबित किया है कि न्यायिक प्रक्रिया पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा के लिए सतर्क और संवेदनशील है।

Leave a Comment