कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायूँ, उत्तर प्रदेश द्वारा एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। यह आदेश उन शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपने घर के मुखिया के अत्यधिक मदिरापान के कारण आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
इस आदेश के अनुसार, ऐसे शिक्षक या कर्मचारी जो अपनी अधिकतर कमाई शराब पर खर्च कर देते हैं, उनके वेतन खाते को उनकी पत्नी के साथ सह-खाताधारक बनाने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि वेतन सीधे परिवार तक पहुंचे और घर की आवश्यकताएं एवं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी न आए।
आदेश का प्रमुख बिंदु
1) ऐसे शिक्षक और कर्मचारी जिनका अत्यधिक मदिरापान के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है, उनके वेतन खातों में उनकी पत्नी को सह-खाताधारक बनाया जाएगा।
2) सह-खाताधारक बनने के बाद पत्नी को अपने पति के खाते से सीधे धनराशि निकालने का अधिकार होगा, जिससे घर की आवश्यकताएं पूरी की जा सकें।
बैंकों को दिया गया निर्देश
संबंधित बैंक को निर्देश दिया गया है कि शिक्षक या कर्मचारी का वेतन खाते में आने पर पत्नी को मैसेज के माध्यम से सूचना भेजी जाए। इससे पत्नी को सही समय पर वेतन की जानकारी मिल सकेगी और वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकेंगी।
शिकायत और आवेदन प्रक्रिया
शिक्षक या कर्मचारी की पत्नी, जिनके पति अत्यधिक मदिरापान करते हैं और परिवार के खर्च में योगदान नहीं देते, तो वे कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर सह-खाता खोलने की मांग कर सकती हैं। इसके लिए कर्मचारी की पत्नी कार्यालय में सम्पर्क कर आवेदन प्रस्तुत कर सकती है, ताकि खाते में सह-खाताधारक की व्यवस्था की जा सके।
आदेश का उद्देश्य
इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक और कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा परिवार के लिए सुरक्षित रहे। ऐसे मामलों में, जहां घर के मुखिया द्वारा अधिकतर आय शराब पर खर्च हो जाती है तो इस आदेश के बाद परिवार को आर्थिक राहत मिलेगी। बच्चों की शिक्षा और परिवार की अन्य आवश्यकताओं के लिए धन उपलब्ध रहेगा, और इससे परिवार पर पड़ने वाले वित्तीय तनाव को कम किया जा सकेगा।
इस आदेश से कई परिवारों को लाभ होगा और उन्हें अपने जीवन में स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह कदम परिवार के हित में लिया गया है और इस प्रकार के निर्णय से समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।