CGHS के 42 लाख लाभार्थियों को मिली बड़ी राहत: अब भर्ती और रेफरल प्रक्रिया हुई आसान

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत 42 लाख लाभार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले के अंतर्गत कई औपचारिकताओं को सरल बनाया गया है, जिससे लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में अधिक सुविधा होगी। यह बदलाव विशेष रूप से अस्पताल में भर्ती, रेफरल और कार्ड सत्यापन की प्रक्रियाओं को लेकर किया गया है, जिससे अब लाभार्थियों को बहुत सी कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी।

मुख्य बदलाव और दिशा-निर्देश:

  1. भर्ती के लिए अनुमति पत्र की अनिवार्यता खत्म:
    अब CGHS लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए पहले से अनुमति पत्र (Permission Letter) लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे लाभार्थियों को आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत भर्ती होकर इलाज प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।
  2. रेफरल मेमो पर स्टाम्प की अनिवार्यता खत्म:
    रेफरल मेमो पर स्टाम्प लगवाने की आवश्यकता भी समाप्त कर दी गई है। इससे लाभार्थियों को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास जाने के लिए प्रक्रिया अधिक सरल और त्वरित हो गई है।
  3. CGHS कार्ड की फोटोकॉपी की अनिवार्यता खत्म:
    अब अस्पताल या किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर CGHS कार्ड की फोटोकॉपी की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय लाभार्थी अपना कार्ड डिजिलॉकर या CGHS मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, जो डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों के अनुरूप एक बड़ा कदम है।

विशेष सुविधाएं:

  1. 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को विशेष सुविधा:
    70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को बिना रेफरल के ही सीधे CGHS सूचीबद्ध अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों से ओपीडी सेवाएं प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। यह विशेष सुविधा वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
  2. सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार:
    अब सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारियों को भी कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा सभी CGHS सूचीबद्ध स्वास्थ्य संगठनों में लागू होगी, और उनके इलाज के बिल यूटीआई आईटीएसएल पोर्टल के माध्यम से संसाधित किए जाएंगे।

CGHS कियॉस्क और नोडल अधिकारी की नियुक्ति:
सरकार ने प्रत्येक CGHS सूचीबद्ध अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र पर एक समर्पित कियॉस्क स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी की जाएगी, जो लाभार्थियों की समस्याओं का समाधान करेगा और उन तक जानकारी को प्रमुखता से पहुंचाएगा।

संक्रमण नियंत्रण और अतिरिक्त शुल्क पर दिशा-निर्देश:
सभी CGHS पैनल वाले अस्पतालों को संक्रमण नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, और इसके लिए लाभार्थियों से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। अगर कोई अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र इन दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष:
सरकार द्वारा किए गए ये बदलाव CGHS लाभार्थियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आए हैं। इससे न केवल कागजी कार्यवाही में कमी आएगी, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित चिकित्सा सुविधा भी प्राप्त होगी। साथ ही, डिजिटल सेवाओं के प्रोत्साहन से लाभार्थियों को और अधिक सुलभता मिलेगी। इन नए प्रावधानों से लाखों लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

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