वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2025 पेश करेंगी, और इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार पुराने टैक्स सिस्टम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ा सकती है, जिससे ₹10 लाख तक की आय पर शून्य कर देनदारी हो सकती है।
वर्तमान में पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत कर स्लैब
वरिष्ठ नागरिकों (60-79 वर्ष) के लिए:
₹3,00,000 तक की आय पर: कोई कर नहीं
₹3,00,001 से ₹5,00,000 तक: 5%
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक: 20%
₹10,00,000 से अधिक: 30%
अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष और उससे अधिक) के लिए:
₹5,00,000 तक की आय पर: कोई कर नहीं
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक: 20%
₹10,00,000 से अधिक: 30%
संभावित संशोधन:
यदि सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट सीमा ₹5 लाख और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹7
लाख तक बढ़ाती है, तो टैक्स स्लैब निम्नानुसार होंगे:
वरिष्ठ नागरिकों (60-79 वर्ष) के लिए:
₹5,00,000 तक की आय पर: कोई कर नहीं
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक: 20%
₹10,00,000 से अधिक: 30%
अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष और उससे अधिक) के लिए:
₹7,00,000 तक की आय पर: कोई कर नहीं
₹7,00,001 से ₹10,00,000 तक: 20%
₹10,00,000 से अधिक: 30%
कैसे ₹10 लाख की आय पर शून्य कर देनदारी हो सकती है?
यदि सरकार आयकर छूट सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ा देती है, तो वरिष्ठ नागरिक विभिन्न कर कटौतियों का लाभ उठाकर अपनी टैक्स देनदारी शून्य कर सकते हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए कि 60 वर्ष का एक वरिष्ठ नागरिक ₹10 लाख वार्षिक आय अर्जित करता है। वह निम्नलिखित धारा 80C, 80CCD(1B), 80D, 80TTB, 80DDB, स्टैंडर्ड डिडक्शन और फैमिली पेंशन डिडक्शन के तहत कटौतियों का लाभ उठाता है।
सकल आय: ₹10,00,000
आयकर छूट सीमा: ₹5,00,000
कटौतियां:
धारा 80C: ₹1,50,000
धारा 80CCD(1B) (NPS योगदान): ₹50,000
धारा 80D (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम): ₹50,000
स्टैंडर्ड डिडक्शन: ₹50,000
धारा 80TTB (ब्याज आय पर छूट): ₹50,000
फैमिली पेंशन डिडक्शन: ₹15,000
धारा 80DDB (गंभीर बीमारी पर चिकित्सा व्यय): ₹1,00,000
कुल कटौती: ₹5,65,000
कर योग्य आय की गणना:
सकल आय: ₹10,00,000
छूट सीमा: ₹5,00,000
कुल कटौती: ₹5,65,000
शुद्ध कर योग्य आय: ₹0
टैक्स देनदारी:
शुद्ध कर योग्य आय ₹0 होने के कारण वरिष्ठ नागरिक को कोई आयकर नहीं देना होगा।
विशेषज्ञों की राय
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट सीमा बढ़ाने से सरकारी छोटी बचत योजनाओं में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि वरिष्ठ नागरिक इन योजनाओं में मुख्य निवेशक होते हैं।
टैक्स विशेषज्ञ अरुण त्यागी के अनुसार, “छूट सीमा बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों की कर देनदारी घटेगी, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी। इससे वे अपनी आवश्यकताओं के लिए बेहतर वित्तीय योजना बना सकेंगे।”
निष्कर्ष
यदि सरकार बजट 2025 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ाने की घोषणा करती है, तो यह उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। साथ ही, यह कदम उनकी वित्तीय सुरक्षा और बचत को मजबूत करेगा। अब सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हैं कि क्या वह वरिष्ठ नागरिकों की इस महत्वपूर्ण मांग को बजट में शामिल करेंगी।