केन्द्रिय कर्मचारियो को रिटायरमेंट के बाद क्या-क्या मिलता है (Retirement Benefits) का विस्तृत विवरण

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त होने वाले लाभ (Retirement Benefits) उनके जीवन की सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन लाभों का उद्देश्य पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। निम्नलिखित में सेवानिवृत्ति लाभों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

1. पेंशन (Pension):

पेंशन के लिए पात्रता:

केंद्रीय सरकारी कर्मचारी को 10 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन प्राप्त करने का हक मिलता है।

पारिवारिक पेंशन:

कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा को पेंशन प्राप्त होती है, विधवा नही है तो बच्चो को पेंशन दिया जाता है। 

पेंशन की गणना:

1 जनवरी 2006 से लागू:
पेंशन का निर्धारण अंतिम मूल वेतन या पिछले 10 महीनों के औसत वेतन के आधार पर किया जाता है, जो भी अधिक लाभकारी हो। पेंशन की राशि मूल वेतन का 50% होती है।

पेंशन की सीमा:

  • न्यूनतम पेंशन: ₹9000 प्रति माह
  • अधिकतम पेंशन: वर्तमान में ₹1,25,000 प्रति माह (केंद्र सरकार के उच्चतम वेतन का 50%)
  • पेंशन कर्मचारी की मृत्यु तक प्रदान की जाती है।

2. पेंशन का आंशिक अग्रिमकरण (Commutation of Pension):

विशेषताएँ:

  • कर्मचारी अपनी पेंशन का 40% तक हिस्सा बेच सकता है।
  • अगर यह विकल्प सेवानिवृत्ति के एक वर्ष के भीतर लिया जाता है, तो मेडिकल परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती
  • एक वर्ष बाद यदि यह विकल्प लिया जाता है, तो कर्मचारी को मेडिकल परीक्षण से गुजरना पड़ता है।

गणना:

पेंशन का आंशिक अग्रिम (Commuted Value of Pension) निम्नलिखित सूत्र से गणना की जाती है:

CVP=40%×(मूलपेंशन)×(कम्यूटेशनफैक्टर)×12CVP = 40\% \times (मूल पेंशन) \times (कम्यूटेशन फैक्टर) \times 12

  • कम्यूटेशन फैक्टर कर्मचारी की अगले जन्मदिन के आधार पर तय किया जाता है।

पुनर्स्थापन (Commutation Restoration):

  • पेंशन का जो हिस्सा अग्रिम किया गया था, वह 15 वर्षों के बाद पुनर्स्थापित किया जाता है।
  • महंगाई राहत (Dearness Relief) हमेशा मूल पेंशन पर लागू होती है, न कि कम्यूटेड पेंशन पर।

3. मृत्यु उपदान और सेवानिवृत्ति उपदान (Death-cum-Retirement Gratuity):

सेवानिवृत्ति उपदान (Retirement Gratuity):

  • पात्रता: कम से कम 5 वर्षों की सेवा होनी चाहिए।
  • गणना: (मूलवेतन+महंगाईभत्ता)×1/4×सेवाअवधि(6माहकीअवधिकेआधारपर)(मूल वेतन + महंगाई भत्ता) \times 1/4 \times सेवा अवधि (6 माह की अवधि के आधार पर)
  • अधिकतम सीमा: ₹25 लाख।
  • सेवा अवधि 33 वर्षों या अधिक होने पर, 16½ गुना मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि दी जाती है।

मृत्यु उपदान (Death Gratuity):

कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को एक बार की राशि प्रदान की जाती है। पात्रता: सेवा की अवधि की कोई शर्त नहीं है।
गणना:

सेवा अवधिउपदान की राशि
1 वर्ष से कममूल वेतन का 2 गुना
1-5 वर्षमूल वेतन का 6 गुना
5-11 वर्षमूल वेतन का 12 गुना
11-20 वर्षमूल वेतन का 20 गुना
20 वर्ष से अधिकमूल वेतन का 33 गुना तक

अधिकतम राशि: ₹25 लाख (1 जनवरी 2024 से लागू)

4.सेवा उपदान (Service Gratuity):

यदि कर्मचारी की कुल सेवा 10 वर्षों से कम है, तो उसे पेंशन की बजाय सेवा उपदान मिलता है।

  • गणना: (मूलवेतन+महंगाईभत्ता)×1/2×सेवाअवधि(6माहकीअवधिकेआधारपर)(मूल वेतन + महंगाई भत्ता) \times 1/2 \times सेवा अवधि (6 माह की अवधि के आधार पर)
  • यह एक एकमुश्त राशि होती है, जो सेवानिवृत्ति उपदान के अलावा दी जाती है।

5. सामान्य भविष्य निधि (GPF):

पात्रता:

  • स्थायी सरकारी कर्मचारी, अस्थायी कर्मचारी (जो एक वर्ष से अधिक की सेवा करते हैं), और फिर से नियुक्त पेंशनभोगी पात्र होते हैं।
  • न्यूनतम योगदान: 6% बेसिक का
  • मैक्सिमम योगदान: कर्मचारी के वेतन के बराबर

विशेषताएँ:

सेवा में रहते हुए कर्मचारी को नियमित रूप से GPF में योगदान देना होता है। किसी कर्मचारी के निधन के बाद, उसके परिवार को GPF के खाते में जमा राशि के अलावा एक अतिरिक्त राशि मिलती है, जो पिछले 3 वर्षों के औसत बैलेंस के बराबर होती है।

GPF निकासी:

  • सेवा के दौरान GPF से पैसे निकालने के लिए निर्धारित उद्देश्य होते हैं, जैसे मेडिकल उपचार या घर की मरम्मत।
  • सेवानिवृत्ति पर, GPF का अंतिम भुगतान तुरंत किया जाता है, और इसके लिए किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं होती है।

6. योगदान आधारित भविष्य निधि (CPF):

पात्रता:

  • गैर-पेंशनभोगी कर्मचारी (जिन्हें पेंशन योजना के तहत नहीं लाया गया है) इस योजना के तहत आते हैं।
  • कर्मचारी अपनी सेवाओं के दौरान हर महीने 10% वेतन योगदान देता है, और सरकार भी उसी अनुपात में योगदान करती है।

विशेषताएँ:

  • सरकार का योगदान 10% है।
  • सीपीएफ में निकासी की व्यवस्था भी GPF के समान है, और यह मृत्यु या सेवानिवृत्ति पर लागू होती है।

7. अर्जित अवकाश की नकदीकरण (Leave Encashment):

  • पात्रता: सेवानिवृत्त कर्मचारी के द्वारा अर्जित अवकाश को नकद के रूप में दिया जाता है।
  • अधिकतम 300 दिनों तक अर्जित अवकाश का नकदीकरण किया जा सकता है।

8. केंद्रीय कर्मचारी समूह बीमा योजना (CGEGIS):

इस योजना के तहत कर्मचारियों द्वारा सेवा के दौरान मासिक योगदान किया जाता है। कर्मचारी के निधन के बाद उसके परिवार को बीमा राशि प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ कर्मचारी की सेवा समाप्ति के बाद या मृत्यु के बाद मिलता है।

निष्कर्ष:

भारत सरकार द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लागू किए गए ये सभी लाभ योजनाएँ पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक सुरक्षा का स्रोत हैं। इन योजनाओं के माध्यम से कर्मचारियों की सेवा के समय से लेकर सेवानिवृत्ति के बाद तक उनकी आवश्यकताएँ पूरी की जाती हैं, ताकि उनका जीवन आरामदायक और सम्मानजनक हो।

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