प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है। साथ ही, Fitment Factor में वृद्धि का तोहफा दे सकती है। इसको लेकर चर्चा तेज हो चुकी है। नवंबर महीने के अंत मे खुशखबरी का तोहफा मिल सकता है, अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों और पेन्शनर्स की बेसिक सैलरी में भारी बढ़ोतरी संभव है।
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में वृद्धि की मांग
नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने हाल ही में फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि की मांग की है। इसके बाद से कर्मचारियों के बीच उत्साह बढ़ गया है। 7वें वेतन आयोग के दौरान फिटमेंट फैक्टर में संशोधन किया गया था, जिससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये हुवा था।
फिटमेंट फैक्टर में कितनी वृद्धि हो सकती है?
क्या आप जानते हैं कि फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होती है? 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 निर्धारित किया था, जिससे न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18000 रुपये हो गया था। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाया जा सकता है। अगर यह सिफारिश स्वीकार होती है, तो न्यूनतम वेतन 51480 रुपये होगा। यह एक बड़ी बढ़ोतरी होगी।
फिटमेंट फैक्टर का अर्थ
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (multiplier) है, जिसका उपयोग केंद्र के सरकारी कर्मचारियों और पेन्शनभोगियो के वर्तमान मूल वेतन को संशोधित करने के लिए होता है। इसका उपयोग नई वेतन संरचना तैयार करने के लिए किया जाता है। यह कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने में मदद करता है।
फिटमेंट फैक्टर का इतिहास
1. 6वें वेतन आयोग (2006)
- फिटमेंट फैक्टर: 1.86
- प्रभाव:
- न्यूनतम वेतन को ₹7,000 तक बढ़ा दिया गया।
- इस फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों की वेतन संरचना को पुनर्गठित किया गया।
- यह पहली बार था जब फिटमेंट फैक्टर ने कर्मचारियों के वेतन में बड़ा सुधार लाने में मदद की।
2. 7वें वेतन आयोग (2016)
- फिटमेंट फैक्टर: 2.57
- प्रभाव:
- न्यूनतम वेतन ₹18,000 कर दिया गया।
- यह 6वें वेतन आयोग के मुकाबले एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी थी।
- सभी कर्मचारियों के वेतन को 2.57 से गुणा कर नई वेतन संरचना बनाई गई।
- इस बढ़ोतरी ने लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभान्वित किया।
3. 8वें वेतन आयोग (संभावित – 2026)
- अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर: 2.86 (अभी तक अनुमोदित नहीं)
- प्रभाव (अनुमान):
- न्यूनतम वेतन ₹50,000 से ₹60,000 तक हो सकता है।
- यदि यह सिफारिश स्वीकृत होती है, तो यह कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से एक बड़ी राहत होगी।
फिटमेंट फैक्टर का महत्व
- न्यूनतम वेतन निर्धारण: यह फैक्टर सीधे कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को प्रभावित करता है।
- आर्थिक सशक्तिकरण: फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति (purchasing power) में सुधार होता है।
- महंगाई के प्रभाव को कम करना: यह महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक होता है।
फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 1.92 या फिर 2.86
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 1.92 या फिर 2.86 करने की चर्चा हो रही है। इससे न केवल कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होगी, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग को भी बढ़ावा देगा।
8वें वेतन आयोग की संभावित स्थापना
कर्मचारी संघ लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 2024 के अंत तक कमिटी की घोषणा कर सकती है। इससे पहले, 7वें वेतन आयोग की स्थापना 2014 में हुई थी और यह 2016 में लागू हुआ था। अगर 8वें वेतन आयोग की स्थापना 2026 में होती है, तो इसे लागू होने में एक वर्ष का समय लग सकता है।