आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) का गठन: 04 october को मिलेगी खुशखबरी

भारत पेंशनभोगी समाज, जो लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है, ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के गठन के लिए एक बड़ा तर्क प्रस्तुत किया है। 16 सितम्बर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में उन्होंने वेतन और पेंशन की समीक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण माँगें रखी हैं।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें और भविष्य की समीक्षा

भारत पेंशनभोगी समाज ने पत्र में उल्लेख किया है कि 28 फरवरी 2014 को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हुआ था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन से जुड़ी कई सिफारिशें दी गई थीं। इनमें से एक प्रमुख सिफारिश यह थी कि भविष्य में वेतन आयोगों को समाप्त किया जाए और डॉ. एकरॉइड फॉर्मूले के आधार पर हर पांच साल में वेतन और पेंशन की समीक्षा हो। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को लागू नहीं किया, जिससे अब एक नया वेतन आयोग गठित करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

10 साल में वेतन और पेंशन के संशोधन की आवश्यकता

स्वतंत्रता के बाद से, हर दस साल में वेतन और पेंशन का संशोधन किया जाता रहा है। यह परंपरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के माध्यम से दी जाने वाली राहत बढ़ती जीवनयापन की लागत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। वर्तमान समय में DA/DR पहले ही 50% से अधिक हो चुका है, लेकिन यह भी महंगाई के दबाव से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।

आठवें वेतन आयोग का समय पर गठन और क्रियान्वयन

वेतन और पेंशन में संशोधन 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होना है। सामान्यतः वेतन आयोग की कमिटी अपनी सिफारिशें तैयार करने और प्रस्तुत करने में 2-3 साल का समय लेती है, और सरकार को इन सिफारिशों पर निर्णय लेने में अतिरिक्त 3-6 महीने का समय लग सकता है। इसलिए, भारत पेंशनभोगी समाज का कहना है कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समय पर क्रियान्वयन हो और किसी प्रकार की अनावश्यक देरी न हो।

भारत पेंशनभोगी समाज की प्रमुख माँगें

भारत पेंशनभोगी समाज ने अपनी माँगों को स्पष्ट रूप से रखा है। उनका कहना है कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन तत्काल किया जाए, ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके। यह कदम न केवल वित्तीय स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि संविधान में निहित समानता और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सितम्बर के अंत तक मिलेगी खुशखबरी?

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 04 october को होने वाली है, जिसमें संभावना जताई जा रही है कि सरकार आठवें वेतन आयोग की कमेटी के गठन की घोषणा कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो लंबे समय से इस निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

निष्कर्ष

भारत पेंशनभोगी समाज की यह माँग समय की आवश्यकता है और इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। समय पर वेतन और पेंशन का पुनरीक्षण उन्हें आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि सरकार इस दिशा में कौन से कदम उठाती है।

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