18 Month DA Arrear पर वित्त मंत्रालय का फाइनल जवाब: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए ताजा अपडेट

18 Month DA Arrear को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच एक बड़ा सवाल बना हुआ था। कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए इस डीए एरियर के भुगतान पर कई बार मांग उठाई गई थी। लेकिन अब, वित्त मंत्रालय ने इस मामले पर अपना अंतिम रुख साफ कर दिया है।


वित्त मंत्रालय का फाइनल जवाब: एरियर पर नहीं होगा कोई फैसला

मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पूछे गए सवाल पर वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि 18 महीने का डीए/डीआर एरियर जारी करने पर विचार नहीं किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से यह कह दिया है कि इस एरियर के वितरण की कोई संभावना नहीं है।

यह जवाब उन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए निराशाजनक है, जो इस एरियर के भुगतान की उम्मीद कर रहे थे। इससे पहले भी वित्त मंत्रालय ने इसी सवाल पर इनकार किया था, लेकिन अब इस मुद्दे पर पूरी तरह से विराम लग गया है।


सवाल और जवाब का सारांश

राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने वित्त मंत्रालय से कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे थे, जिनके उत्तर वित्त राज्य मंत्री ने निम्नलिखित रूप में दिए:

  1. क्या सरकार कोविड-19 के दौरान रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर एरियर को जारी करने पर विचार कर रही है?
  • उत्तर: नहीं, सरकार इसका भुगतान नहीं करेगी।
  1. यदि नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण हैं?
  • उत्तर: कोविड-19 के कारण आर्थिक व्यवधान की वजह से यह निर्णय लिया गया था ताकि सरकारी वित्त व्यवस्था पर दबाव कम किया जा सके। इसके अलावा, महामारी के बाद भी वित्तीय घाटा जारी था, जिसके कारण इस एरियर को जारी करना संभव नहीं है।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 3% डीए वृद्धि की घोषणा

हालांकि, 18 महीने के डीए एरियर पर निराशा हाथ लगी है, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक और अच्छी खबर है। 1 जुलाई 2024 से उनके महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की जाएगी। इससे कुल महंगाई भत्ता/महंगाई राहत बढ़कर 53% हो जाएगी।

यह वृद्धि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में सुधार लाएगी, हालांकि इसका आधिकारिक ऐलान सितंबर के अंत या अक्टूबर में होने की संभावना है।


18 महीने के डीए एरियर की मांग

महामारी के दौरान 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक तीन किस्तों के डीए/डीआर का भुगतान रोका गया था। इसके बाद से राष्ट्रीय संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र परिषद (NCJCM) सहित कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस बकाए के भुगतान की मांग की थी।

हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड-19 महामारी और उसके बाद के आर्थिक संकट के कारण यह भुगतान संभव नहीं हो पाया। सरकार ने महामारी के दौरान कई कल्याणकारी योजनाएं चलाईं, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ गया और इस एरियर को जारी करना वित्तीय दृष्टि से व्यवहार्य नहीं था।


निष्कर्ष

18 महीने के डीए एरियर पर सरकार का स्पष्ट इनकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए निराशाजनक है। हालांकि, 3% की महंगाई भत्ता वृद्धि से उनकी सैलरी और पेंशन में थोड़ा सुधार जरूर होगा, लेकिन एरियर का मुद्दा अब समाप्त हो चुका है।

इससे साफ हो जाता है कि कोविड-19 के दौरान रोके गए डीए का भुगतान अब संभव नहीं है, और सरकार ने इस मामले पर कोई और विचार नहीं करने का निर्णय लिया है।

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